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कतर से जवानों को मौत के मुँह से बचाने की इनसाइड स्टोरी मोदी

 

जिन्हें कतर में फांसी की सजा हो चुकी थी, उन्हें मोदी सुरक्षित स्वदेश कैसे लेकर आए? नेवी के आठ पूर्व अफसरों को मौत के मुँह से खींचकर लाने की इनसाइड स्टोरी क्या है 

  


राजनीति से अलग एक बात मोदी है तो जान बचाना मुमकिन है, मोदी है तो मृत्युदंड से बचा।कर भी वापस ले आना मुमकिन है। नरेंद्र मोदी की एक मुलाकात में कतर में फांसी की सजा पाए आठ हिंदुस्तानियों को सुरक्षित स्वदेश लौटा दिया। 2 दिसंबर को दुबई में कॉप 20 एयठ समिट में मोदी की कतर की अमीर से एक बहुत छोटी सी मुलाकात हुई थी।

दिसंबर में मुलाकात हुई। जनवरी में पूरी बेक चैनल बातचीत चली और फरवरी में एक सोमवार को अचानक पता चला कि फांसी की सजा पाए ये भारतीय स्वदेश लौट भी आए।

वो खुद कह रहे हैं कि ये सिर्फ और सिर्फ नरेंद्र मोदी की वजह से मुमकिन हो पाया। जो लोग ये कहते हैं कि नरेंद्र मोदी की प्रधानमंत्री बनने से क्या फरक पड़ता है तो वो नोट करें। सबसे बड़ा फर्क यही पड़ता है नामुमकिन को मुमकिन बनाने वाली कहानी की पूरी इनसाइड स्टोरी। देखिए इस रिपोर्ट में| 

मोदी कहते है कि.... 

सौगंध मुझे इस मिट्टी

की।

मैं देश नहीं मिटने दूंगा। मे देश नहीं झुकने दूँगा 

प्राइम मिनिस्टर श्री मोदी को धन्यवाद करना चाहेंगे 

बाहर आ सके और वापस अपने कंट्री में आ सके प्राइम मिनिस्टर मोदी और उनका पर्सनल इंटरवेंशन।

मैं देश नहीं झुकने दूंगा सौगंध मुझे इस मिट्टी की।

कतर में फंसे आठ भारतीय नागरिक की प्रधानमंत्री मोदी ने जान कैसे बचाई? जिन्हें कतर में फांसी की सजा हो चुकी थी, उन्हें मोदी सुरक्षित स्वदेश कैसे लेकर आए? नेवी के आठ पूर्व अफसरों को मौत के मुँह से खींचकर लाने की इनसाइड स्टोरी क्या है? मोदी ने ऐसा क्या कहा कि कतर के अमीर ने फांसी की सजा माफ़ कर दी? मोदी ने ऐसा क्या किया कि मुस्लिम देश कतर ने भारतीय नागरिक को जाने दिया


नेवी के आठ पूर्व अफसरों ने भारत माता की जय, भारत माता की जय, नारा लगाया 


आज सुबह सुबह जब नेवी के ये पूर्व अफसर स्वदेश लौटे तो ऐसे ही भारत माता की जय जयकार कर रहे थे। इन्हें खुद पर यकीन नहीं हो रहा था की वो सुरक्षित भारत लौट आए हैं क्योंकि उनकी सजा माफ़ करवाना भारत की बहुत बड़ी कूटनीतिक जीत है और ये सब सिर्फ और सिर्फ मोदी की वजह से ही संभव हो पाया है और ये हम नहीं खुद कतर से बच कर आए। ये पूर्व मेंवी अफसर कह रहे हैं।


यहाँ आके वाकई बहुत ख़ुशी हो रही है कि वापस इंडिया पहुँच गए। हम सेफ एंड साउंड और डेफिनिट्ली ,होनोरेबल प्राइम मिनिस्टर श्री मोदी को

धन्यवाद करना चाहेंगे

 कि उनके पर्सनल इंटरवेंशन से ये पॉसिबल हुआ और गवर्नमेंट ऑफ़ कतार के इस एक्सीलेंसी द आमिर को की उन्होंने ये होने दिया।

विथाउट विथाउट दी इंटरवेंशन ऑफ़ प्राइम मिनिस्टर मोदी इट वोंट ए बी।

 आज हम आपके सामने खड़े नहीं हो रहे होते, अगर इंटरवेंशन नहीं होता ऐट दट। लेवल हैयेश्ट लेवल एंड स्पेशल गवर्नमेंट ऑफ़ इंडिया उनके अथक प्रयास से की वो कंसिस्टेंटली लगे रहे। एंड वी अरे देर इन फ्रंट ऑफ़ यू।वेरी वेरी थैंकफुल।तो दी।गवर्नमेंट एंड।प्राइम मिनिस्टर मोदी की हम लोग बाहर आ सके और।वापस अपने कंट्री में आ सके लेकिन मोदी ने इन आठ लोगों की जान कैसे बचाई इसकी पूरी डीटेल्स हम आपको आगे देंगे।


 सबसे पहले ये जानिए की नेवी के ये पूर्व अफसर कौन है और ये किन आरोपों में फंसे थे?



कतर की इंटेलीजेंस एजेंसी के स्टेट सिक्योरिटी ब्यूरो ने 30 अगस्त 2022 को आठ पूर्व नौ सैनिकों को गिरफ्तार किया था।ये सभी अफसर कतर की नौसेना को ट्रेनिंग देने वाली एक निजी कंपनी देहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कॅसल्टेंसी में काम करते थे।

 देहरा ग्लोबल डिफेन्स सर्विस प्रोवाइड करती है। इन आठ भारतीयों पर इजराइल के लिए जासूसी करने का आरोप था।

 कतरी मीडिया के मुताबिक इन 

लोगों पर कतर के सबमरीन प्रोजेक्ट से जुड़ी इन्फॉर्मेशन इजरायल को देने का आरोप था।कभी भी ये आरोप सार्वजनिक नहीं किए, लेकिन ज़ाहिर तौर पर आरोप बहुत गंभीर थे। केस है, प्रोफाइल भी था और देश की साख से जुड़ा हुआ भी था। इसीलिए दिसंबर 2022 में ही मोदी के विदेश मंत्री ने देश को आश्वस्त कर दिया था कि इन्हें हम घर वापस लेकर आएँगे।थिस इस ए वेरी सेंसिटिव केस आई ऍम रेफरिंग टु दी डिटेंशन ऑफ़ सम ऑफ़ आवर एक्स सर्विसमैन इन कथा।आई कैन ओनली से बिकॉज़ देर इन्ट्रेस्ट आवर इन आर्माइट्स आई कैन ओनली असुर हिं वी हॅव बीन सीज़्ड ऑफ़ दी मैटर वी अरे एम्बैसडर सीनियर ऑफिसियल्स हॅव बीन इन कंटिन्युवस टॅच विथ दी कटारी गवर्नमेंट ऑन थिस आवर एफर्ट इस ऑब्वियस्ली टु एन्सुर दट दे अरे नॉट ट्रीटेड अनफेयरली एंड दट इफ दी सोना वी कैन ब्रिंग देम बेक फ्रम सो आई कैन।आई असुर यू दट दे अरे वेरी मच वेरी वेरी।स्ट्रॉन्गली इन आवर प्राइऑरटीस।डिप्लोमेसी के लेवल से कोशिशों तो हुई लेकिन ये कोशिस रंग नहीं ला पाई।उल्टा गिरफ़्तारी से करीब 14 महीने के बाद यानी 26 ऑक्टोबर 2023 को इन सभी पूर्व नेवी अफसरों को मौत की सजा सुना दी गई। इसके बाद तो देश में कोहराम मच गया।

अंत में मोदी ने इनकी रिहाई करवा ही दी ||

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